कक्षा 12 भूगोल अध्याय-1 मानव भूगोल :प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

मानव भूगोल– प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

सामान्य परिचय

आज से लगभग 2300 वर्ष पूर्व प्रसिद्ध विद्वान इरेटोस्थनीज(ग्रीक विद्वान) ने मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में भूगोल शब्द का प्रयोग किया    

Geography शब्द ग्रीक भाषा के 2 शब्दों Geo तथा Graphy से मिलकर बना है जिसका अर्थ क्रमशः पृथ्वी(Earth) तथा वर्णन करना(to describe or to write) होता है

भूगोल शब्द—इरेटोस्थनीज ने दिया था।

भूगोल का जनक– हिकेटियस को कहा जाता है।

मानव भूगोल–  भूगोल की दूसरी प्रमुख शाखा है मानव भूगोल के जन्मदाता जर्मन विद्वान फ्रेडरिक रेटजेल हैं रेटजेल की प्रमुख पुस्तक एंथ्रोपोज्योग्राफी है  रेटजेल निश्चयवाद, नियतिवाद व पर्यावरण निश्चयवाद का समर्थक था

मानव भूगोल का अर्थ एवं परिभाषा

रेटजेल के अनुसार “मानव भूगोल मानव समाज और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है” अर्थात सरल रूप में मानव भूगोल में मानवीय तथ्यों, (सांस्कृतिक तत्वों जो मानव निर्मित हैं) व मानव व भौतिक पर्यावरण के मध्य अंतर संबंधों व उनसे निर्मित स्वरूपों का अध्ययन किया जाता है

रेटजेल की शिष्या, अमेरिकन भूगोलवेत्ता- निश्चयवाद की समर्थक, भूगोल की माता- कुमारी सैंपल के अनुसार-

“मानव भूगोल चंचल मानव और अस्थायी पृथ्वी के पारस्परिक परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है”

मानव भूगोल की प्रकृति

मानव भूगोल का केंद्रीय बिंदु मानव है। मानव निर्मित स्वरूप, मानव पर्यावरण को कैसे अनुकूलित कर अपना समायोजन करता है तथा मानव अपने विकास के लिए भौतिक संसाधनों का उपयोग किस प्रकार करता है वह मानवीय क्रियाकलापों का विकास कैसे, कब, कहां हुआ यही इसकी प्रकृति को प्रकट करता है

मानव भूगोल का विकास मानव भूगोल का जन्म व विकास 18 वीं शताब्दी से माना है 

विकास की दृष्टि से मानव भूगोल को निम्नलिखित तीन काल खंडों में बाँटकर अध्ययन कर सकते हैं

प्राचीन काल— प्राचीन काल में मानव का ज्ञान सीमित था प्रकृति सर्वेसर्वा थी तथा तकनीकी ज्ञान का अभाव था, प्राकृतिक शक्तियों को सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली माना जाता था। अरस्तू ने बताया कि ठंडे प्रदेशों के मानव बहादुर परंतु चिंतन में कमजोर जबकि एशिया (गर्म प्रदेशों) के लोगों को सुस्त, कमजोर पर चिंतनशील बताया

मध्यकाल:- मध्यकाल में 9 संचालन व तकनीकी विकास से लोगों के बारे में व देशों के बारे में जानकारी मिलने लगी जिससे मानव भूगोल का विकास भी होने लगा

आधुनिक काल:- इस काल की शुरुआत जर्मन भूगोलवेत्ता हंबोल्ट, रिटर, फ्रोबेल, पैशेल, रिचथोफेन आदि ने की

प्रमुख भूगोलवेता-

फ्रांसीसी विद्वान– विडाल डी ला ब्लाश, ब्रुन्श डी-मार्टोन, डिमांजिया व फैब्रे

अमेरिका के विद्वान:- एलेन चर्चिल सैंपल, हंटिंगटन बोमेन, कॉल सावर, ग्रिफिथ टेलर

ब्रिटेन के विद्वान:- हरबर्टसन, मैकिंदर, रॉक्स-बी, फ्लुअर

 इन सभी विद्वानों का मानव भूगोल के विकास में योगदान रहा है1930 के दशक में मानव भूगोल का विभाजन सांस्कृतिक व आर्थिक भूगोल के रूप में हुआ

संभववाद का जनक विडाल डी ला ब्लाश था लेकिन संभववाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फैब्रे ने किया था

वैज्ञानिक निश्चयवाद/ रुको व जाओ निश्चयवाद,/नव निश्चयवाद का जनक- ग्रिफिथ टेलर है उन्होंने बताया कि न तो प्रकृति सर्वे सर्वा है और न ही मानव वरन मानव व प्रकृति के बीच पारस्परिक क्रिया प्रतिक्रिया होती रहती है तथा  इनमें सामंजस्य पाया जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

एंथ्रोपोज्योग्राफी के दो खंड हैं इसी से मानव भूगोल का जन्म हुआ है

राजनीतिक भूगोल का जन्मदाता भी रेटजेल है

ग्रिफिथ टेलर के अनुसार मानव ट्रैफिक पुलिस की तरह कार्य करता है जो गति में तो परिवर्तन कर सकता है परंतु दिशा में परिवर्तन नहीं कर सकता

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